में और मेरी टीम का एक सपना है की श्वेताम्बर और दिगंबर आपस में मिलकर रहे
60 % लोग आपसे में प्यार से रहते है लेकिन 40% लोगो की सोच आज भी सही नहीं है
वो लोग अगर श्वेताम्बर पंथ वाला है तो दिगंबर मंदिर नहीं जाता और बोलता है दोष मिलेगा यही बात दिगंबर पंथ वाले श्वेताम्बर मंदिर के लिए बोलता है की यह मंदिर में भगवान् को कपडे पहनाये है तो वह मंदिर दर्शन किया तो पाप और दोष आएगा
अब मेरे इस ग्रुप की सोच यह है की अगर दिगंबर पूजन विधि गलत होती तो दिगम्बर पंथ वालो का नामो निशान नहीं मिलता आपको या श्वेताम्बर पंथ की पूजन विधि गलत होती तो श्वेताम्बर पंथ वालो का नामो निशान नहीं मिलता
अब कैसे समझाए कुछ लोगो को की भगवान् ने नहीं बताया मेरी पूजा करो ऐसे या करो हमें तो सचाई , दया, विवेक , क्षमा , जीवो के प्रति प्यार से रहना है
और जब जब हम मंदिर जाते है तो हमें सिख मिलती है ताकि हम सब यह तो कर सके एक श्रावक की तरह रहकर और रही बात पूजन की भगवन को तो सच्चे दिल से याद कर लो उनको तो यह भी स्वीकार है
कृपया यह छोड़िये की में दिगम्बर और स्वेताम्बर सिर्फ यह बोलिये गर्व से में तो जैन हु
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:D
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